स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं के लिए "सर्कुलर इकोनॉमी पर आधारित केले के उत्पादों" पर जागरूकता कार्यक्रम
बिजोरिया, पलिया लखीमपुर में किसानों और स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं के लिए "सर्कुलर इकोनॉमी पर आधारित केले के उत्पादों" पर जागरूकता कार्यक्रम
रिपोर्ट - फिरदौस
पलिया कलां - खीरी। सोसाइटी द्वारा एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन ग्राम बिजौरिया , पलिया लखीमपुर में किया गया, जिसमें किसानों और स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को सर्कुलर इकोनॉमी और केले के उत्पादों से संबंधित जानकारी प्रदान की गई। इस कार्यक्रम को NABARD (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) द्वारा प्रायोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों और ग्रामीण महिलाओं को सर्कुलर इकोनॉमी के लाभों और केले के विभिन्न उत्पादों के व्यावसायिक उपयोग के बारे में जागरूक करना था। सर्कुलर इकोनॉमी की अवधारणा पर बल देते हुए, जेपी एम सोसाइटी के सचिव श्री तुहिन श्रीवास्तव ने बताया कि किस प्रकार संसाधनों का पुनः उपयोग, पुनर्चक्रण, और अपशिष्ट का उपयोग किया जा सकता है, ताकि पर्यावरणीय स्थिरता बनी रहे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिले।इस कार्यक्रम में विशेष रूप से केले के विभिन्न उत्पादों, जैसे केले के फूल, केले के तने, केले के पत्तों और केले के छिलकों से बने उत्पादों के उपयोग पर विस्तार से चर्चा की गई। यह बताया गया कि कैसे इन उत्पादों का व्यावसायिक स्तर पर उपयोग किया जा रहा है,एवं किसान एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाये कैसे इससे जुड़ कर अपनी आमदनी बाधा सकती हैं | तुहिन श्रीवास्तव ने केले के तने से फाइबर निकलकर उसके विभिन्न उत्पाद , केले के फूल से अचार बनाना और केले के ताने से निकलने वाले पानी से जीवामृत इत्यादि बनाने के बारे मैं विस्तार से चर्चा की । तुहिन जी ने बताया की इन उत्पादों का सही तरीके से उपयोग करके किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है।
कार्यक्रम में जिला विकास प्रबंधक श्री प्रसून सोनार , ब्लाक मिशन प्रबंधक श्री ओम प्रकाश सिंह एवं विमल कुमार , एवं प्रगतिशील किसान ने भाग लिया और उन्होंने स्थानीय समुदाय के साथ अपने विचार साझा किए। श्री प्रसून सोनार ने नाबार्ड द्वारा किसानों और महिलाओं के लिए चलायी जा रही विभिन्न तकनीकों और प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में जानकारी दी, जो उनके जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं एवं आर्थिक उन्नति में सहयोग प्रदान कर सकते हैं । कार्यक्रम के अंत में केला रेशा पर आधारित पांच दिवसीय कार्यक्रम का प्रमाण पत्र वितरण भी किया गया|
इस कार्यक्रम से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें:
सर्कुलर इकोनॉमी की अवधारणा और इसके लाभ
केले के विभिन्न उत्पादों का व्यावसायिक उपयोग
स्थानीय संसाधनों के पुनर्चक्रण के लाभ
किसानों और महिलाओं के लिए आय बढ़ाने के उपाय
जेपीएम सोसाइटी के परियोजना प्रबंधक श्री अमर चन्द्र पाण्डेय ने इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए NABARD का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम ग्रामीण इलाकों में शिक्षा और जागरूकता फैलाने के लिए बेहद जरूरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह सर्कुलर इकोनॉमी की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से किसानों और महिलाओं ने नए अवसरों को पहचानने और अपनी कृषि-आधारित उत्पादकता में सुधार करने के लिए प्रेरित किया।
समाप्त
संपर्क करें:
अमर चन्द्र पाण्डेय
जेपीएम सोसाइटी
फोन:9151254237
ईमेल: jpmsociety@outlook.com
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